Emotional Intelligence Scale
(1) उद्देश्य (Objective):- संवेगात्मक बुद्धि मापनी के माध्यम से प्रयोज्य के संवेगात्मक बुद्धि का अध्ययन करना।
(2) परीक्षण परिचय (Introduction):- यह प्रश्नावली Dr. Arun Kumar Sinha एवं Dr. Shruti Narain द्वारा निर्मित की गई है। इस प्रश्नावली में 31 प्रश्न हैं। यह प्रश्नावली 18 से 55 वर्ष के छात्रों पर प्रशासित की जाती है।
संवेगात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence)

पुस्तक - What is E.I.
सफलता में योगदान - 80% Emotional Intelligence & 20% Intelligence Qoutient (IQ)
संवेगात्मक बुद्धि के प्रतिपादक - डैनियल गोलेमैन (1995 अमेरिका), पुस्तक- E.Q. - Why it better than I.Q.
मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्ति की ज्ञानात्मक (Cognitive) बुद्धि के स्वरूप को जानने के लिए 19वीं शताब्दी के प्रारम्भ में ही प्रयास जारी कर दिये थे तथा इसके मापन हेतु विभिन्न परीक्षणों तथा बुद्धि-लब्धि की अवधारणा का प्रतिपादन किया। थार्नडाइक ने सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence) को बुद्धि घटक (Component) के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया। इसके बाद 1983 में हावर्ड गार्डनर ने अपने बहु-बुद्धि सिद्धान्त में अन्तर्वैयक्तिक तथा अन्तः वैयक्तिक बुद्धि (Interpersonal and Intra-personal Intelligence) का उल्लेख किया। बुद्धि के ये कारक, व्यक्ति को अपने तथा दूसरे के भावों को समझने एवं अन्य व्यक्तियों से उनकी संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए अन्तःक्रिया करने के लिए नियन्त्रित तथा निर्देशित करते हैं। धीरे-धीरे संवेगों से सम्बन्धित बुद्धि की अवधारणा ने संवेगात्मक बुद्धि के स्वतन्त्र अस्तित्व को जन्म दिया। अब तो स्थिति यहाँ तक आ पहुँची है कि व्यावहारिक जीवन की सफलता में बुद्धि की अपेक्षा संवेगात्मक बुद्धि को अधिक महत्वपूर्ण माना जाने लगा है। 19वीं सदी के 80 के दशक में पीटर सैलोवे तथा जान मेयर ने संवेगात्मक बुद्धि को परिभाषित किया। उनके अनुसार बुद्धि एक सीमा तक सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence) का ही अनुवर्ग (Section) है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी तथा दूसरों की भावनाओं एवं संवेगों को जानने, समझने तथा परिस्थिति के अनुसार विचार करके व्यवहार को निर्देशित एवं संचालित करने में सक्षम होता है। सैलोवे के बाद 1995 में डेनियल गोलमैन ने इमोशनल इन्टेलिजेंस (Emotional Intelligence) नामक पुस्तक लिखकर मनोवैज्ञानिकों को संवेगात्मक बुद्धि के विषय में गम्भीरता से अध्ययन करने के प्रेरित किया।
संवेगात्मक बुद्धि का अर्थ (Meaning of Emotional Intelligence)
संवेगात्मक बुद्धि दो प्रत्ययों से मिलकर बना है संवेग और बुद्धि। संवेग का अर्थ है उद्वेलन की अवस्था (state of excitement) एवं बुद्धि का अर्थ है विवेकपूर्ण चिन्तन की योग्यता (ability to think rationally)। इस प्रकार संवेगात्मक बुद्धि एक आन्तरिक योग्यता होती है जिसके द्वारा व्यक्ति में संवेगों को महसूस करने, समझने एवं उनका प्रभावपूर्ण नियन्त्रण करने की क्षमता का विकास होता है। दूसरे शब्दों में, संवेगात्मक बुद्धि (Emotinal Intelligence) स्वयं की एवं दूसरों की भावनाओं अथवा संवेगों को समझने, व्यक्त करने और नियंत्रित करने की योग्यता है।
अपनी भावनाओं, संवेगों को समझना उनका उचित तरह से प्रबंधन करना ही भावनात्मक समझ है। व्यक्ति अपनी 'भावनात्मक समझ ' का उपयोग कर सामने वाले व्यक्ति से ज्यादा अच्छी तरह से संवाद कर सकता है और ज्यादा बेहतर परिणाम पा सकता है।
गोलमैन के अनुसार - संवेगात्मक बुद्धि व्यक्ति के स्वयं एवं दूसरों के संवेगों को पहचानने की वह क्षमता है जो हमें अभिप्रेरित कर सकने और हमारे संवेगों को स्वयं में और अपने संबंधों में पाए जाने वाले संवेगों का भली प्रकार से प्रबंधन करते हैं। (Emotional intelligence is the ability to recognize one's self and the emotions of others that can motivate us and manage our emotions well within ourselves and in our relationships.- Goleman)
सैलोवे एवं मैयर के अनुसार - संवेगात्मक बुद्धि, संवेगों का प्रत्यक्षीकरण करने, उन्हें समझने, उसका प्रबन्धन करने एवं उन्हें प्रयोग में लाने की योग्यता है। (Emotional intelligence is the ability to perceive, understand, manage and use emotions.- Sailove & Mayer)
बार के अनुसार- संवेगात्मक बुद्धि व्यक्ति की वह अन्तःवैयक्तिक योग्यता है जिसके द्वारा वह अपनी शक्ति तथा कमजोरियों को जानने और स्वयं की भावनाओं और विचारों को बिना नुकसान पहुँचाये व्यक्त करने में स्वयं को सदैव जागरूक रखती है। (Emotional intelligence is that one's intrapersonal ability to be aware of oneself to understand one's strength and weakness and to express one's feelings and thoughts non-destructively- Bar)
बेरन के अनुसार- "संवेगात्मक बुद्धि व्यक्ति की सामर्थ्य, योग्यता और भावात्मक पक्ष की वह श्रृंखला है जो जीवन में अनुभव किए जाने वाली मांग एवं दवावों से संघर्ष करने की क्षमता को प्रभावित करती है।" (Emotional Intelligence is a series of competency, capability and effective domain which affect the ability to succeed in fighting with the demand and various pressure forms. - Baron)
संवेगात्मक बुद्धि-
- स्वयं को समझना, स्वयं के उद्देश्य, अनुक्रियाओं, भावनाओं और व्यवहार आदि को समझना।
- दूसरे व्यक्तियों की भावनाएँ तथा संवेगों को समझना।
- स्वयं की तथा दूसरों की भावनाओं तथा संवेगों को समझकर उनका इस प्रकार व्यवस्थापन करना कि उनकी अभिव्यक्ति में स्वयं का कोई नुकसान न हो और दूसरों को भी प्रभावित करें।
संवेगात्मक बुद्धि के घटक
(Components of Emotional Intelligence)
गोलमेन (Goleman) ने संवेगात्मक बुद्धि के पाँच घटकों का उल्लेख किया है-
1. स्व-जागरूकता (Self-awareness)- यह बुद्धि व्यक्ति को स्वयं के लिए जागरूक बनाती है और स्वयं के संवेगों को जानने, किसी समय पर उपस्थित भावनाओं को पहचानने और उनका विवेचन करने में सहायक है।
2. स्वप्रेरणा (Self-Motivation) - स्वयं की भावनाओं को वांछित लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में अभिप्रेरित करना, नकारात्मक आवेगों को नियिन्त्रत करते हुए वांछित परिणाम प्राप्त करना, स्वप्रेरणा की मुख्य विशेषताएँ हैं। ऐसा व्यक्ति लब्धि परीक्षणों में अधिक अंक प्राप्त करने में सफल रहता है।
3. परानुभूति (Empathy)- दूसरे की भावनाओं तथा इच्छाओं को समझना तथा उनके प्रति संवेदना प्रकट करना और यह अनुमान लगाना कि दूसरे लोग कैसा अनुभव कर रहे हैं, परानुभूति के लक्षण हैं। इस प्रकार की बुद्धि वाला व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणा तथा प्रसन्नता का स्रोत होता है।
4. सामाजिक प्रबन्धन (Social Skills/ Management)— इसके अन्तर्गत सामाजिक परिस्थितियों का आकलन करके दूसरे लोगों के साथ प्रभावशाली ढंग से अन्तःक्रिया करके संवेगात्मक सम्बन्धों को जोड़ना आता है। इस प्रकार की बुद्धि वाला व्यक्ति अधिक लोकप्रिय एव लोकतान्त्रिक होता है तथा वह समूह में सहयोगात्मक वातावरण स्थापित करने में सक्षम होता है।
5. स्व-नियमन (Self -regulations)- स्वयं के संवेगों को भी तात्कालिक परिस्थिति के सापेक्ष नियंत्रित एवं व्यवस्थित करना तथा समस्या समाधान हेतु अवरोधों को नकारते हुए उनको सही दिशा प्रदान करते हुए वांछित (desired) प्रतिक्रिया करना। इस प्रकार की बुद्धि वाला व्यक्ति अपने परिवार, स्कूल आदि के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति (Attitude) रखता है तथा दबाव (Stress) को अन्य लोगों की अपेक्षा सरलता से नियंत्रित (Control) करता है।
संवेगात्मक बुद्धि की विशेषताएँ (Characteristic of Emotional Intelligence)
1. संवेगात्मक बुद्धि व्यक्ति की वह क्षमता है जो उसे अपने तथा दूसरों के संवेगों तथा मनोभावों को समझने एवं उनका इस प्रकार से व्यवस्थापन करने में सहायक है जिससे संवेगों की अभिव्यक्ति द्वारा किसी प्रकार की हानि न पहुँचे।
2. संवेगात्मक बुद्धि के द्वारा व्यक्ति अपने संवेगों पर नियन्त्रण करके दूसरों के साथ प्रभावशाली ढंग से सम्बन्ध स्थापित करने में सक्षम होता है।
3. संवेगात्मक बुद्धि व्यवहारिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में सामान्य बुद्धि की अपेक्षा अधिक प्रभावी एवं सहायक है।
4. संवेगात्मक बुद्धि जन्मजात होती है लेकिन इसके विकास में व्यक्ति के अनुभव तथा परिपक्वता की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
5. संवेगात्मक बुद्धि में वातावरणीय परिस्थितियों के अनुरूप संवेगों की अंतःक्रिया में परिवर्तन होता रहता है।
6. संवेगात्मक बुद्धि में अनेक तत्व समाहित हैं तथा भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न प्रकार की संवेगात्मक बुद्धि होती है।
(3) सामग्री (Tools):- Dr. Arun Kumar Sinha एवं Dr. Shruti Narain द्वारा निर्मित प्रश्नावली, पेपर, पेंसिल, स्टॉपवॉच आदि।
(4) प्रतिदर्श/प्रयोज्य परिचय (Sample):-
प्रयोज्य का नाम:- ABC
पिता का नाम :-. XYZ
लिंग : ................................
आयु: .............................
शैक्षिक योग्यता : ..............,...............
संस्था का नाम: ..........................
(5) नियंत्रण (Control) : -
- परीक्षण के दौरान कमरे में प्रकाश की उचित व्यवस्था की गई।
- कमरे का वातावरण शांत रखा गया।
- प्रयोज्य के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का उचित प्रकार से ध्यान रखा गया।
- बैठने की उचित व्यवस्था की गई।
- ...............
(7) परीक्षण प्रक्रिया (Test Procedure):-
प्रयोज्य को निर्देश देने के बाद परीक्षण प्रक्रिया आरंभ की गई। इस दौरान प्रयोज्य का निरीक्षण किया गया। प्रयोज्य को कोई समस्या नहीं हुई और समय पर प्रश्नों के उत्तर दिए।
(8) प्रदत संग्रह एवं परिणाम (Data Collection & Result):-
संवेगात्मक बुद्धि मापनी द्वारा प्रयोज्य का परीक्षण लिया गया। प्रत्येक सकारात्मक प्रश्न के हाँ के लिए 1 अंक तथा नहीं के लिए 0 तथा नकारात्मक प्रश्न के हाँ के लिए 0 अंक तथा नहीं के लिए 1 दिया गया। संवेगात्मक बुद्धि मापनी की चार विमाएँ हैं - भावनाओं को समझना (Understanding Emotions) , प्रेरणा को समझना (Understanding Motivation) , सहानुभूति (Empathy) , संबंधों को संभालना (Handling relation)। इसके आधार पर प्रयोज्य द्वारा दिए उत्तरों का मूल्यांकन किया गया।
(9) व्याख्या एवं निष्कर्ष (Discussion and Conclusion):-
इस परीक्षण प्रक्रिया में प्रयोज्य पर Dr. Arun Kumar Sinha एवं Dr. Shruti Narain द्वारा निर्मित संवेगात्मक बुद्धि प्रश्नावली प्रयोज्य पर प्रशासित किया गया। इससे हमे यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि प्रयोज्य की संवेगात्मक बुद्धि ............................ स्तर प्राप्त हुआ।
(10) संदर्भ ग्रंथ सूची (Reference):-
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